चार्लेस बाबेज को कंप्युटर का जनक माना जाता है। लेकीन बाबेज ने जो कंप्युटर की रचना की थी, वह पुर्ण रूप से यांत्रीकी स्वरूप की थी। यानी उस समय बिजली की
खोज नहीं हुई थी। कंप्युटर
एक मेकैनिकल यन्त्र था।
उस
का सम्बन्ध आज के कंप्युटर से हम नहीं जोड सकते। लेकीन ’कंप्युटर’ नाम के उगम का श्रेय चार्लेस बाबेज को
ज़रूर जाता है।
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न्यूमन |
आज
हम जो कंप्युटर इस्तेमाल करते है, उस की मूल रचना जोन व्होन न्युमन ने की है। आज उसे ’व्होन न्युमन कंप्युटर आर्कीटेक्चर’ कहा जाता है। जन्म से व्होन न्युमन
एक ज्यु थे और वे मुलत:
हन्गेरी
नाम के देश से है।
बुडापेस्ट
विश्वविद्यालय से उन्होने गणित विषय मे पी.एचडी. हासील की थी। न्युमन के पहले चार्लेस बाबेज तथा आयबीएम के
संस्थापक हर्मन होलेरिथ ने भी कंप्युटर की रचना
तैयार की थी, लेकीन कंप्युटर कम्पनीयों ने उन की रचना को स्वीकार नही किया। क्योंकी उन की रचनाओं
मे बहुत सी गलतीयां नज़र आई।
न्युमन
की कंप्युटर रचना में प्रोग्राम तथा उस की सूचनाएं दोनों का अन्तर्भाव था। इसी वजह से इस तरह के कंप्युटर का इस्तेमाल करना बहुत ही सुलभ बात थी। कंप्युटर के उत्पादन मे नई क्रान्ती लाने
वाले 'इनियाक' तथा 'एड्वैक' यह कंप्युटर न्युमन की रचना से ही तैयार किये गये हैं। आज भी कंप्युटर तैयार
करनेवाली कम्पनीयां ’व्होन न्युमन कंप्युटर
आर्कीटेक्चर’ का ही इस्तेमाल करती
है। आज के लैपटोप, पामटोप यह आधुनिक कंप्युटर भी इस रचना पर आधारित है। अमरीका के नौदल, आयबीएम, सीआयए यह गुप्तचर संस्था तथा रैन्ड
कार्पोरेशन के उन्नती मे जोन व्होन न्युमन का योगदान महत्वपुर्ण रहा है.
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व्होन न्युमन कंप्युटर आर्कीटेक्चर |